आज के इस पोस्ट में हम जानेगें की ISO Full Form, ISO ka Full Form, full form of ISO, ISO means, ISO full form in hindi, ISO क्या है, ISO का इतिहास, ISO के फायदे, इत्यादि
आपलोगों ने ISO का नाम जरूर सुना होगा और आप सभी ने इस नाम को कहीं न कहीं जरूर देखा भी होगा, लेकिन क्या आप ISO का फुल फॉर्म जानते हैं?
आपलोगो ने कई बार बड़ी-बड़ी कंपनी के प्रोडक्ट में ISO लिखा देखा होगा और आपमें से बहुत लोगों के मन में यह सवाल भी आया होगा की आख़िरकार ISO क्या है और क्यूँ इसे लिखा जाता है।
अगर आप भी ये सभी सवाल जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं क्यूंकि आज मैं आपको इन्हीं सभी सवालों के जवाब बताने वाला हूँ।
आपमें से कई लोगो को इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी होगी लेकिन ऐसे भी कई लोग होंगे जिन्हें इन सबके बारे में कुछ भी पता नहीं होगा और यहाँ तक की ISO ka full form भी पता नहीं होती है।
इसलिए आप इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक पूरा पढ़िए ताकि आप ISO के बारे में सारी बातें समझ सकें और अगर आपसे एग्जाम में इससे रिलेटेड सवाल पूछा जाए तो आप इसके जवाब आसानी से दे सकें।
तो चलिए जानते हैं की ISO का full form क्या होता है और इससे जुड़ी सारी जानकारियाँ।
ISO Ka Full Form :-
आईएसओ का फुल फॉर्म “International Organization For Standardization” होता है। आईएसओ को हिंदी में “अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन” बोला जाता है।
ISO Full Form In English :-
ISO का फुल फॉर्म इंग्लिश में “International Organization For Standardization” होता है।
◆ What is the full form of ISO? – Full Form of ISO is “International Organization For Standardization“
ISO Full Form In Hindi :-
आईएसओ का फुल फॉर्म हिंदी में “अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन” होता है।
ISO क्या है?
ISO एक अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन है। यह एक ऐसी संगठन है जिसकी मदद से Company और Business के द्वारा बनाये गए सर्विस और उत्पाद की बाजार में विश्वसनीयता बढ़ाई जाती है।
आईएसओ को बहुत सारे भागों में बांटा गया है और सभी भाग के अलग-अलग काम होते हैं। इसके अलावा अगर आप अपने कंपनी और बिजनेस का ISO करवाते हैं तो इसके कई सारे फायदे भी आपको देखने को मिलते हैं।
यह ऐसी संगठन है जिसकी मदद से बिज़नेस और उद्योग में आने वाले अवरोधों को कम किया जा सकता है क्यूंकि यह ग्राहक का विश्वास बढ़ता है और साथ ही नए ग्राहक को आकर्षित करता है।
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ISO का इतिहास :-
ISO की स्थापना 23 फरवरी 1947 में हुई थी और इसका Headquarters जेनेवा स्विजरलैंड में स्थित है। ISO की पहली बैठक 14 अक्टूबर सन 1946 में हुई थी।
यह एक Quality Standards Certificate है जो Company, Organization, Business को दिया जाता है ताकि इनके Service और Products की बाजार में विश्वसनीयता बढ़ सकें।
ISO Certificate की स्थापना व्यापार की विश्वसनीयता के साथ सुधार और दोष दूर करने के लिए की गयी है और इसका उद्देस्य Service और Products की बाजार में विश्वसनीयता बढ़ाना भी है।
ISO Certification के प्रकार :-
ISO Certification के निम्न प्रकार हैं –
- ISO 9000 – It is used for standardization of quality management
- ISO 10012 – Measure Management System
- ISO 14001 – Environmental Management
- ISO 19011 – It provides a guideline to audit management system
- ISO 22008 – Food Safety Management
- ISO 27001 – Information security Management
- ISO 2768-1 – It is used to provide the standard for general tolerance
- ISO 31000 – It is a standard for risk management
- ISO 50001 – It is a standard for energy management
- ISO 4217 – It is used for standardization of currency codes
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Popular ISO की सूची :-
जैसा की आपने ऊपर देखा की ISO के बहुत सारे प्रकार हैं लेकिन उनमें से पॉपुलर ISO की सूची कुछ इस प्रकार हैं –
- ISO 9000 – It is used for standardization of quality management
- ISO 14001 – Environmental Management
- ISO 10012 – Measure Management System
- ISO 2768-1 – It is used to provide the standard for general tolerance
- ISO 50001 – It is a standard for energy management
ISO के कार्य :-
ISO के कुछ महत्वपुर्ण काम निम्न प्रकार हैं –
- ISO के कार्य सुरक्षा, गुणवत्ता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए उत्पादों और सेवाओं को निर्दिष्ट करना है।
- ISO का काम Service और Products की बाजार में विश्वसनीयता को बढ़ाना है।
- इसका काम सभी तरह के Products को लोगों के बीच प्रशिद्धि और आकर्षण बढ़ाना है।
ISO के फायदे :-
ISO के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –
- यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त Quality Standards Certificate है।
- इसकी मदद से आप अपने बिज़नेस और उद्योग में आने वाले अवरोधों को कम कर सकते हैं।
- यह Service और Products की बाजार में विश्वसनीयता बढ़ता है।
- इसकी मदद से आप कम लागत में उत्पादकता बढ़ा सकते हैं जिस वजह से आप पैसे और समय दोनों की बचत कर सकते हैं।
- ISO का साफ-सुथरा व्यवहार होने के कारण ग्राहक का विश्वास बढ़ता है और नए ग्राहक इससे आकर्षित होते हैं।
- इसकी मदद से कार्यस्थल में सुधार और कर्मचारीओ में उत्साह बढ़ता रहता है।
- यह व्यापार के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ अपना स्थान बाजार में बनाए रखने के लिए और उत्पादन और सेवाओं की उच्च Quality प्रदान करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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आज आपने क्या सीखा :-
आज के इस आर्टिकल में हमनें ISO के बारे में बहुत कुछ जाना है, हमने ISO Full Form, ISO ka full form, full form of ISO, ISO means, ISO full form in hindi, ISO क्या है, ISO का इतिहास, ISO के फायदे, इत्यादि के बारे में बात किया है।
मुझे उम्मीद है की इस आर्टिकल में बतायी गयी सारी बातें आपको अच्छी लगी होगीं और सब कुछ समझ आ गया होगा। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको के बारे में सब कुछ पता चल गया होगा।
अगर आप मुझसे ISO से रिलेटेड कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो नीचे comment कर के पूछ सकते हैं और अगर कोई सुझाब हो तो भी आप बता सकते हैं।
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